Block 1 – नवजागरण काव्य
भारतेंदु हरीश्चंद्र का काव्य
मैथिलीशरण गुप्त का काव्य (राष्ट्रीय जागरण नवजागरण और नारी चेतना के सन्दर्भ में)
भारतेंदु हरीश्चंद्र और मैथिलीशरण गुप्त का काव्य-भाषा और शिल्प (खड़ी बोली के विकास के सन्दर्भ में)
Block 2 – छायावादी काव्य (एक)
जयशंकर प्रसाद के काव्य में रष्ट्रीय चेतना की विशिष्टता और आधुनिक भावबोध
जयशंकर प्रसाद की भाषा और काव्य-शिल्प
सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ के काव्य का वैचारिक आधार
सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ के काव्य में प्रयोगशीलता की दिशाएं
“राम की शक्तिपूजा”: एक पाठावलोकन
Block 3 – छायावादी काव्य (दो) तथा छायावादोत्तर काव्य
महादेवी वर्मा की काव्य संवेदना
महादेवी वर्मा की प्रतीक योजना
सुमित्रानंदन पंत की काव्य-यात्रा के विविध चरण
सुमित्रानंदन पंत का काव्य-शिल्प: भाषा और शैली
दिनकर के काव्य की अंतर्धाराएँ
Block 4 – प्रगतिशील काव्य
नागार्जुन के काव्य में संवेदना के रूप
नागार्जुन के काव्य का रचना-विधान
मुक्तिबोध का जीवन-दर्शन और उनकी काव्य दृष्टी (जीवन प्रक्रिया और रचना प्रक्रिया के सन्दर्भ में)
मुक्तिबोध का काव्य-शिल्प: फैंटसी के सन्दर्भ में
“अंधेरे में” कविता का विश्लेषण
धूमिल
Block 5 – नयी कविता-I
अज्ञेय के काव्य में आधुनिक भाव-बोध
अज्ञेय: काव्यभाषा और काव्यशिल्प
शमशेर काव्य की विचार-भूमि
शमशेर का काव्य: संवेदना और शिल्प
Block 6 – नयी कविता-II
अपने समय के आर-पार देखता कवि: रघुवीर सहाय
रघुवीर सहाय का काव्य शिल्प
श्रीकांत वर्मा और उनकी कविता
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