Block 1 – सामाजिक स्तरीकरण का परिचय
सामाजिक स्तरीकरण: अभिप्राय और नज़रिया
सामाजिक स्तरीकरण के प्रति नज़रिया
भारत में जाती और वर्ग
स्तरीकरण: सामाजिक-लिंग सोच और जातीयता से जुड़े आयाम
Block 2 – सामाजिक स्तरीकरण का वर्णन
मार्क्स और वेबर
पारसंस और डेविस
सामाजिक वर्गों पर कोजर और डाहेरंडॉर्फ की व्याख्या
स्तरीकरण के सिद्धांत और संश्लेषण: लेंस्की, लहमान, बर्घ
Block 3 – जातीय स्तरीकरण
स्तरीकरण के आधार के रूप में जातीयता
जनजातीय जातीयता और पूर्वोत्तर भारत
पंजाब और धार्मिक जातीयता
भारत में भाषायी जातीयता
Block 4 – सामाजिक विभेदन और जातीयता
भेदभाव के आधार के रूप में सामाजिक-लिंग सोच (जेंडर)
सामाजिक-लिंग सोच (जेंडर) पहचान का बनाना
सामाजिक-लिंग सोच (जेंडर), स्थिति और सत्ताधिकार
महिला सशक्तिकरण: कुछ उदाहरण
Block 5 – भारतीय समाज में जाती की व्याख्या
जाती क्रम-परंपरा का आधार: पवित्रता और अपवित्रता
जाती के आयाम: अनुष्ठान और सत्ताधिकार
जातिगत पहचान: विशेषताबोधक और अन्योन्य-क्रियात्मक सिद्धांत
जाती की आर्थिक और राजनीतिक गतिकी
Block 6 – उपेक्षित समुदाय और स्तरीकरण
दलितों की स्थिति
अन्य पिछड़ी जातियाँ
अनुसूचित जनजातियाँ
हाशिए के लोग और उनकी बदलती स्थिति
Block 7 – भारतीय समाज में वर्ग
कृषक वर्ग संरचना
औद्योगिक वर्ग
भारत में मध्य वर्ग
वर्ग संघर्ष
Block 8 – सामाजिक गतिशीलता
सामाजिक गतिशीलता की संकल्पनाएँ और रूप
जाति एवं वर्ग में सामाजिक गतिशीलता
सामाजिक गतिशीलता के घटक एवं शक्तियाँ
सामाजिक गतिशीलता के परिणाम
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