Block 1 – संकल्पना और दृष्टिकोण
विकास प्रशासन-संकल्पना और अर्थ
क्षेत्र और महत्व
उद्भव
भारत में विकास प्रशासन की संवृद्धि
Block 2 – विकास नीति और योजना
स्वतंत्रता के समय भारत की सामाजिक-आर्थिक रूपरेखा (प्रोफाईल)
मिश्रित अर्थव्यवस्था मॉडल तथा इसका तर्कसंगत आधार और महत्व
योजना (प्लानिंग) की भूमिका
विकास के उद्देश्य
Block 3 – विकास के लिए नियोजन की संस्थाएँ
योजना आयोग तथा राष्ट्रीय विकास परिषद्
राज्य योजना तंत्र (मशीनरी)
जिला नियोजन
आधार स्तरीय नियोजन
Block 4 – अधिकारी तंत्र (नौकरशाही) और विकास
अधिकारी तंत्र (नौकरशाही) की भूमिका
भारतीय अधिकारी तंत्र (नौकरशाही) की औपनिवेशिक विरासत
भारतीय अधिकारी तंत्र (नौकरशाही) की सामाजिक पृष्ठभूमि
तटस्थ बनाम प्रतिबद्ध अधिकारी तंत्र (नौकरशाही)
सरकारी अधिकारीयों और राजनेताओं के बीच संबंध
अधिकारी तंत्र (नौकरशाही) की क्षमता में वृद्धि करना
Block 5 – विकेन्द्रीकरण एवं विकास
लोकतांत्रिक विकेन्द्रीकरण की अवधारणा
पंचायती राज का उद्भव और भूमिका
पंचायती राज के उभरते हुए प्रतिमान
पंचायती राज के भविष्य एवं समस्याएं
स्वैच्छिक अभिकरणों की भूमिका
सहकारिता एवं विकास
विकास के लिए विशिष्ट अभिकरण
Block 6 – सार्वजनिक क्षेत्र और विकास
सार्वजनिक (सरकारी) क्षेत्र का उद्भव और विकास
सार्वजनिक उद्यम के स्वरूप
विकास निगमों की भूमिका
सार्वजनिक क्षेत्र की प्रशासनिक समस्याएँ
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